MERCURY PLANET IN ASTROLOGY

MERCURY PLANET IN ASTROLOGY
May 28, 2019
बुध गृह:-………
बुद्धि के देवता बुध ग्रह का दिन है- बुधवार। बुध राशि के जातक बहुत सुंदर होते हैं। बुध को नवग्रहों में राजकुमार की उपाधि प्राप्त है। उनका शरीर अति सुंदर और छरहरा है। वह ऊंचे कद गोरे रंग के हैं। उनके सुंदर बाल आकर्षक हैं वह मधुरभाषी हैं।
बुध यंत्र:- मंत्र – ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः
बुध यन्त्र से लाभ:-
बुध यंत्र का जाप करने से तीव्र बुद्धि, अच्छी वाक्शक्ति, बुद्धिपरक कार्यों में सफलता, कम्प्यूटर के क्षेत्र में सफलता, त्वचा संबंधी रोगों की निवृत्ति, वाणी संबंधी विकारों व बौद्धिक दुर्बलता में शुभत्व की प्राप्ति होती है। यंत्र को भोजपत्र पर अनार की कलम से केसर या रोली से बनाएं या ताम्रपत्र पर बना हुआ यंत्र भी स्थापित करना चाहिये। तथा ग्रह के मंत्र की कम से कम दो (प्रातः व संध्या में) तथा अधिकतम ग्यारह माला करनी चाहिये। विनोदपूर्ण वाणी और हास्य की क्षमता बिना इस ग्रह के संभव नहीं हो पाती ; इसलिए संबंधों में स्नेह बनाए रखने के लिए बंध ग्रह के यंत्र की स्थापना करनी चाहिए। बुध वह ग्रह है जो कि व्यापार को सीधे प्रभावित करता है। अतः यह उद्यमियों और सभी व्यापारियों को लाभदायक परिणाम प्राप्त करने के लिये इस यंत्र का प्रयोग करना चाहिए। यह यंत्र व्यापार को सुधारता है और इसकी बढ़ौत्तरी करता है । विधयार्थी को भी अपनी विद्या के क्षेत्र में सुधार लाने के लिये इस यंत्र का प्रयोग करना चाहिए।
बुध मंत्र :-
बुध मंत्र में “ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम:” का जप करना चाहिए. इस मंत्र का एक माला अर्थात 108 बार जाप करने चाहिए।
बुध मंत्र से लाभ:-`
बुध मंत्र का जाप करने से ग्रह की शान्ति होती है। बुध ग्रह जब गोचर में व्यक्ति के अनुकुल फल नहीं दे रहा हों तो इस मंत्र का जाप प्रतिदिन करना चाहिये। बुध की महादशा के शुभ फल पाने के लिये बुध की महादशा अन्तर्दशा में नियमित रुप से इस मंत्र का जाप करना लाभकारी रहता है।
बुध यन्त्र प्राप्त करने की विधि :-
उत्तम फलों की प्राप्ति के लिए बुध यंत्र को बुधवार वाले दिन स्थापित करना चाहिए तथा इसे घर में पूजा के स्थान में स्थापित करना चाहिए। बुध यंत्र की स्थापना के दिन नहाने के पश्चात अपने यंत्र को सामने रखकर 11 या 21 बार बुध के बीज मंत्र का जाप करें तथा तत्पश्चात अपने बुध यंत्र पर थोड़े से गंगाजल अथवा कच्चे दूध के छींटे दें। बुध महाराज से इस यंत्र के माध्यम से अधिक से अधिक शुभ फल प्रदान करने की प्रार्थना करें। बुध यंत्र स्थापित करने के बाद इस यंत्र से निरंतर शुभ फल प्राप्त करते रहने के लिए आपको इस यंत्र की नियमित रूप से पूजा करनी चाहिए। प्रतिदिन स्नान करने के पश्चात अपने बुध यंत्र की स्थापना वाले स्थान पर जाएं तथा इस यंत्र को नमन करके 11 या 21 बार बुध बीज मंत्रों के उच्चारण के पश्चात अपने इच्छित फल इस यंत्र से मांगें। अपने पास स्थापित किए गये बुध यंत्र की नियमित रूप से पूजा करने से आपके और आपके बुध यंत्र के मध्य एक शक्तिशाली संबंध स्थापित हो जायेगा, जिसके कारण यह यंत्र आपको अधिक से अधिक लाभ प्रदान करने के लिए प्रेरित होता है।
बुध यन्त्र का प्रभाव:-
बुध यंत्र का प्रयोग किसी कुंडली में अशुभ बुध द्वारा बनाए जाने वाले दोषों को कम करने के लिए अथवा उनके निवारण के लिए किया जा सकता है तथा इसके अतिरिक्त बुध यंत्र का प्रयोग बुध ग्रह की सामान्य तथा विशिष्ट विशेषताओं के साथ जुड़े लाभ प्राप्त करने के लिए भी किया जा सकता है। बुध यंत्र का शुभ प्रभाव जातक को वाक कुशलता, समय अनुसार उचित निर्णय लेने की क्षमता, विश्लेषण करने की क्षमता, बुद्धिमता तथा ऐसी अन्य कई क्षमताएं प्रदान कर सकता है जिनके उपयोग से जातक अपने जीवन के अनेक क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकता है। बुध यंत्र से जातक को स्वास्थय से संबंधित कुछ विशेष प्रकार के लाभ भी प्रदान कर सकता है जिसके कारण कई ज्योतिषी बुध यंत्र / बुध यन्त्र पेंडेंट का प्रयोग कुछ जातकों को होने वाले कुछ विशेष प्रकार के रोगों अथवा स्वास्थय संबंधी समस्याओं के निवारण के लिए भी करते हैं। बुध यंत्र जातक को उसके व्यवसाय तथा व्यापार के माध्यम से अधिक धन अर्जित करने तथा अधिक सफलता प्राप्त करने में भी सक्षम बना सकता है। और जातक की कलात्मकता, उचित समय पर उचित व्यवहार करने की क्षमता, धन कमाने के अवसरों को पहचानने की तथा इन अवसरों से लाभ उठाने की क्षमता को भी बढ़ा सकता है जिसके चलते जातक अपने व्यवसायिक जीवन में अधिक सफलता प्राप्त कर सकता है। संगीत, गायन, कला, नाट्य, अभिनय, निर्देशन, लेखन तथा इसी प्रकार के अन्य क्षेत्रों में कार्यरत जातकों के लिए इस यंत्र का शुभ प्रभाव विशेष फल दे सकता है जिसके चलते इन जातकों को अपने अपने क्षेत्र में विशेष उपलब्धियां प्राप्त हो सकतीं है।
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