गायत्री श्राप विमोचन गायत्री मंत्र चार महान ऋषियों ब्रह्मा, वसिष्ठ, विश्वामित्र और शुक्राचार्य द्वारा शापित है

गायत्री श्राप विमोचन गायत्री मंत्र चार महान ऋषियों ब्रह्मा, वसिष्ठ, विश्वामित्र और शुक्राचार्य द्वारा शापित है

क्या आप जानते हैं? मंत्र विज्ञान


गायत्री मंत्र और दुर्गा मंत्रों से जुड़ी एक गुप्त आध्यात्मिक परंपरा है, जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, गायत्री मंत्र चार महान ऋषियों — ब्रह्मा, वसिष्ठ, विश्वामित्र और शुक्राचार्य — द्वारा शापित है। यही कारण है कि गायत्री मंत्र का जाप करने से पहले ‘शाप विमोचन’ करना अत्यंत आवश्यक होता है। जब तक यह शाप मुक्त नहीं किया जाता, तब तक उसके जप का पूर्ण पुण्यफल प्राप्त नहीं होता।

एक बार शुद्ध विधि से शाप विमोचन कर लेने पर जब तक आप नियमित जाप करते हैं, दोबारा शाप विमोचन की आवश्यकता नहीं होती। केवल विशेष परिस्थितियों में — जैसे परिवार में अशुद्धि, सूतक-पातक, या जब जाप में लंबे समय का विराम आ जाए — फिर से शाप विमोचन करना चाहिए।

यही नियम दुर्गा मंत्रों पर भी लागू होता है। दुर्गा माता के शक्तिशाली मंत्र भी तीन ऋषियों द्वारा शापित माने गए हैं। इसलिए गायत्री मंत्र और दुर्गा मंत्रों का जाप, पाठ या अनुष्ठान करने से पहले ‘शाप विमोचन’ आवश्यक है ताकि साधक को उसके पूर्ण आध्यात्मिक और पुण्यकारी फल की प्राप्ति हो।

यदि आप मंत्र साधना में संपूर्ण फल चाहते हैं, तो इन परंपराओं का पालन कर मंत्रों को शुद्ध और प्रभावी बनाएं। सच्चे साधक वही होते हैं जो विधि का पूर्ण पालन करते हैं और दिव्य फलों के अधिकारी बनते हैं।

1). श्री ब्रह्मा शापविमोचन विनियोग:
ॐ अस्य श्रीब्रह्मा शाप विमोचन मन्त्रस्य ब्रह्मा ऋषिर्भुक्तिमुक्ति प्रदा ब्रह्माशापविमोचनी गायत्री शक्तिर्देवता गायत्री छन्दः ब्रह्मा शााप विमोचने विनियोगः।
(यह विनियोग बोलकर आचमनी में पानी भरकर धरती पर गिराएं)
मन्त्र
ॐ गायत्री ब्रह्मोत्युपासीत यद्रूपं ब्रह्माविदो विदुः। तां पश्यन्ति धीराः सुमनसो वाचमग्रतः।। ॐ वेदान्तनाथाय विद्महे हिरण्यगर्भाय धीमहि तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात्। ॐ देवि ! गायत्रि! त्वं ब्रह्माशापाद्विमुक्ता भव।
2). श्री वसिष्ठ शापविमोचन विनियोग:
ॐ अस्य श्रीवसिष्ठ-शापविमोचनमन्त्रस्य निग्रहानुग्रहकर्ता वसिष्ठ ऋषिर्वसिष्ठानुगृहीता गायत्री शक्तिर्देवता विश्वोद्भवा गायत्री छन्दः वसिष्ठशापविमोचनार्थं जपे विनियोगः।
(यह विनियोग बोलकर आचमनी पानी में भरकर धरती पर गिराएं)
मन्त्र
ॐ सोऽहमंक्रमयं ज्योतिरात्मत्योतिरहं शिवः। आत्मज्योतिरहं शुक्रः सर्वज्योतीरसोऽस्म्त्यह्म।। योनिमुद्रा दिखाकर तीन बार गायत्री मंत्र जपे। ॐ देवि! गायत्रीं ! त्वं वसिष्ठशापाद्विमुक्ता भव।
3). श्री विश्वामित्र शापविमोचन विनियोग:-
ॐ अस्य श्री विश्वामित्र शाप विमोचन मन्त्रस्य नूतन सृष्टिकर्ता विश्वामित्र ऋषिर्विश्वा-मित्रानुगृहीता गायत्री शक्तिर्देवता वाग्देहा गायत्री छन्दः विश्वामित्र शाप विमोचननार्थं जपे विनियोगः।
(यह विनियोग बोलकर आचमनी में पानी भरकर धरती पर गिराएं)
मन्त्र
ॐ गायत्री भजाम्यग्निमुखीं विश्वगर्भां यदद्भुवाः। देवाश्चक्रिरे विश्वसृष्टिं तां कल्याणीमिष्टकरीं प्रपद्ये।। ॐ देवि! गायत्रीं ! त्वं विश्वामित्रशापाद्विमुक्ता भव।
4 श्री शुक्राचार्य शापविमोचन विनियोग:-
ॐ अस्य श्री शुक्रशाप-विमोचनमन्त्र श्री शुक्र ऋषिः अनुष्टुप्छन्दः देवी गायत्री देवता शुक्र शाप विमोचनार्थं जपे विनियोगः।
(यह विनियोग बोलकर आचमनी में पानी भरकर धरती पर गिराएं)
मन्त्र-
सोऽहमंक्रमयं ज्योतिक्रज्योतिरहं शिवः। आत्मज्योतिरहं शुक्र्रः सर्वज्योतीरसोऽस्म्यहम्।। ॐ देवि! गायत्रीं ! त्वं शुक्रशापाद्विमुक्ता भव।
प्रार्थना
ॐ अहो देवि महादेवि संध्ये विद्ये सरस्वति! अजरे अमरे चैव ब्रह्मयोनिर्नमोऽस्तु ते।। ॐ देवि! गायत्रीं ! त्वं ब्रह्मशापाद्विमुक्ता भव, वसिष्ठशापाद्विमुक्ता भव, विश्वामित्रशापाद्विमुक्ता भव, शुक्रशापाद्विमुक्ता भव।

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