वास्तु शास्त्र में मुख्य द्वार

वास्तु शास्त्र में मुख्य द्वार

🚪 वास्तु शास्त्र में मुख्य द्वार का महत्व

वास्तु शास्त्र के अनुसार, किसी भी घर या भवन का मुख्य द्वार (Main Entrance) न केवल प्रवेश द्वार होता है, बल्कि यह सकारात्मक ऊर्जा, समृद्धि और सौभाग्य का मार्ग भी होता है। मुख्य द्वार को “मुख्य ऊर्जा केंद्र” माना गया है, जहां से शुभ या अशुभ शक्तियाँ घर में प्रवेश करती हैं। इसलिए इसका दिशा, डिज़ाइन और स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।


🌟 मुख्य द्वार से जुड़ी वास्तु शास्त्र की महत्वपूर्ण बातें:

1. दिशा का महत्व

  • उत्तर (North) और पूर्व (East) दिशा में मुख्य द्वार को सबसे शुभ माना गया है।

  • उत्तर-पूर्व (North-East) भी सकारात्मक ऊर्जा के लिए आदर्श होता है।

  • दक्षिण (South) में मुख्य द्वार से बचना चाहिए। यदि हो तो विशेष उपायों की आवश्यकता होती है।

2. द्वार की संख्या और स्थिति

  • एक ही मुख्य द्वार होना वास्तु अनुसार उत्तम है।

  • द्वार के सामने दीवार, खंभा या पेड़ नहीं होना चाहिए।

  • द्वार को हमेशा साफ और सुंदर रखें।

3. द्वार की ऊँचाई और चौड़ाई

  • मुख्य द्वार अन्य दरवाज़ों से बड़ा होना चाहिए।

  • द्वार पर सुंदर लकड़ी का प्रयोग करें, और टूटे हुए या चटक दरवाज़ों से बचें।

4. मुख्य द्वार की सजावट

  • शुभ चिन्ह जैसे स्वस्तिक, ॐ, श्री, मंगळ कलश आदि द्वार पर बनाना शुभ माना जाता है।

  • द्वार के दोनों ओर तुलसी का पौधा, दीपक या बंदनवार लगाना शुभ ऊर्जा को आमंत्रित करता है।

  • प्रवेश द्वार पर दरिद्रता हटाने के लिए नींबू-मिर्ची या लाल धागा बांधा जा सकता है।

5. मुख्य द्वार पर क्या न हो:

  • जूते-चप्पल का ढेर, गंदगी या कचरा

  • टूटा नाम प्लेट या जंग लगे दरवाज़े

  • सीधा सीढ़ियों का सामना – इससे धन का ह्रास हो सकता है।


🏡 मुख्य द्वार को लेकर विशेष उपाय:

  • हर शनिवार को द्वार पर सरसों का तेल व नमक से पोछा लगाएं।

  • प्रतिदिन द्वार पर गंगा जल या गौमूत्र का छिड़काव करें।

  • प्रवेश द्वार पर हर दिन दीपक जलाना घर में लक्ष्मी का वास बनाए रखता है।


📌 निष्कर्ष:

वास्तु अनुसार यदि मुख्य द्वार सही दिशा, स्थान और सजावट के साथ बनाया गया हो, तो यह घर में सुख, शांति, और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। गलत द्वार के कारण घर में अशांति, आर्थिक परेशानी, या स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। अतः वास्तु के अनुसार मुख्य द्वार का विशेष ध्यान रखना अनिवार्य है

वास्तु शास्त्र में मुख्य द्वार का एक महत्त्वपूर्ण स्थान है। यह
सम्पत्ति सहित कई चीज़ों के प्रवेश और निकास का स्त्रोत होता है। अपने
जीवन में समृद्धि और धन को आकर्षित करने के लिए, अपने मुख्य द्वार को सजा
के रखने की सलाह दी जाती है।

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