रोहिणी नक्षत्र, चंद्रमा का प्रिय नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र स्वभाव, वैदिक नक्षत्र ज्योतिष, रोहिणी जातक, वृषभ राशि नक्षत्र, समृद्धि का नक्षत्र

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रोहिणी नक्षत्र – आकर्षण और समृद्धि का नक्षत्र

🌸 परिचय:

रोहिणी नक्षत्र वैदिक ज्योतिष के 27 नक्षत्रों में चौथा नक्षत्र है और यह चंद्रमा का सबसे प्रिय नक्षत्र माना जाता है। इसकी ऊर्जा आकर्षण, सौंदर्य, कला और समृद्धि से जुड़ी होती है। यह नक्षत्र वृषभ राशि में आता है और इसकी अधिष्ठात्री देवी हैं – प्रजापति ब्रह्मा की कन्या रोहिणी।वैदिक ज्योतिष में, आकाश मंडल के महत्वपूर्ण 27 नक्षत्रों में से रोहिणी नक्षत्र चौथा नक्षत्र है जिसका स्वामी चंद्रमा और राशि का स्वामी शुक्र है। पांच तारों के समूह रोहिणी नक्षत्र में जन्मे लोगों की राशि वृषभ होती है। इस राशि में रोहिणी नक्षत्र चार चरणों में होता है। प्रजापति ब्रह्मा जी से संबंधित, इस नक्षत्र का प्रतीक बैलगाड़ी या रथ है जो भौतिक प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है तथा यह विकास, सुंदरता, विलासिता और भौतिक समृद्धि से संबंध रखता है।


मुख्य विशेषताएं:

  • राशि: वृषभ

  • देवता: ब्रह्मा (सृजनकर्ता)

  • ग्रह स्वामी: चंद्रमा

  • प्रतीक: बैलगाड़ी या मंदिर

  • गुण: राजस

  • तत्व: पृथ्वी

  • शक्ति (शक्ति): विकास और सृजन करने की शक्ति


👤 रोहिणी नक्षत्र के जातकों के गुण:

  • सुंदर, आकर्षक व्यक्तित्व

  • रचनात्मक, कलात्मक और भावुक

  • परिजनों के प्रति संवेदनशील और जिम्मेदार

  • विलासिता और आरामप्रिय

  • उच्च कल्पनाशक्ति और भव्य जीवनशैली की चाह

  • कभी-कभी अत्यधिक लगाव और ईर्ष्या की प्रवृत्ति


🌺 आध्यात्मिक और पौराणिक महत्व:

  • चंद्रमा की 27 पत्नियों में से रोहिणी सबसे प्रिय थीं।

  • इस नक्षत्र से चंद्रमा की मानसिक शक्तियां और भावनाएं प्रबल होती हैं।

  • इसमें जन्मे जातक प्रायः कला, संगीत, अभिनय या सौंदर्य-संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्ट होते हैं।


🔯 उपाय व साधना:

  • चंद्रमा को जल अर्पित करें

  • “ॐ चंद्राय नमः” मंत्र का जप करें

  • सोमवार को उपवास रखें

  • शांत चित्त और मानसिक संतुलन का अभ्यास करें


📌 उपयुक्त व्यवसाय:

  • कला, फैशन, संगीत, डिज़ाइन, फिल्म, मीडिया, सौंदर्य प्रसाधन, आभूषण

  • रोहिणी नक्षत्र के उपाय / Remedies for Rohini Nakshatra

    रोहिणी नक्षत्र के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए किए जाने वाले उपाय:

    • शिवलिंग पर दूध और जल अर्पित करके भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।

    • प्रतिदिन 108 बार ‘ॐ ब्राह्मयै नमः’ मंत्र का जाप करना चाहिए।

    • ज्योतिषी की सलाह से हीरा (gemstone Diamond) या सफेद पुखराज धारण करना चाहिए।

    • इसके अलावा, दूध और चावल का दान करना चाहिए।

    • शुभ मुहूर्त में रोहिणी नक्षत्र की पूजा करनी चाहिए।

    • सोमवार का व्रत रखना चाहिए और जरूरतमंदों को भोजन कराना चाहिए।

    • इसके अतिरिक्त, प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।

    • मांसाहारी भोजन और शराब खाने से बचना चाहिए।

    रोहिणी नक्षत्र संबंधित ऑनलाइन जानकारी                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  

    रोहिणी नक्षत्र संबंधी समस्त भविष्यवाणियों, अनुकूलताओं, विशेषताओं और उपायों की ऑनलाइन जानकारी आसानी से प्राप्त की जा सकती है। इसके लिए, ऑनलाइन कैलकुलेटर की सुविधा भी उपलब्ध है जो व्यक्ति को जन्मतिथि और समय के आधार पर, नक्षत्र को निर्धारित करने में मदद कर सकते हैं। साथ ही, रोहिणी नक्षत्र से संबंधित अंतर्दृष्टि और भविष्यवाणियां प्रदान करने वाले, वैदिक ज्योतिष के किसी विद्वान ज्योतिषी का भी ऑनलाइन पता लगाया जा सकता है।

     

    रोहिणी नक्षत्र संबंधी तथ्य/ Facts of Rohini Nakshatra

    • रोहिणी नक्षत्र, जीवन के निर्माता हिंदू देवता प्रजापति से संबंधित है।

    • रोहिणी नक्षत्र प्रतीक बैलगाड़ी या रथ है जो भौतिक प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है।

    • आमतौर पर, इस नक्षत्र में जन्मे लोग भौतिक सुखों और विलासिता के प्रेमी होने के साथ ही, इंद्रिय सुखों में लिप्त रहते हैं।

    • चंद्रमा द्वारा शासित रोहिणी नक्षत्र वृषभ राशि में स्थित होता है।

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