त्रिपुष्कर योग क्या है कैसे बनता है त्रिपुष्कर योग

त्रिपुष्कर योग क्या है कैसे बनता है त्रिपुष्कर योग

त्रिपुष्कर योग’ जैसे कि नाम से ही पता चलता है कि तिगुना। ‘जी हां’  त्रिपुष्कर योग में यदि किसी व्यक्ति को लाभ होता है तो है तिगुना होता है और यदि किसी कारणवश हानि हो जाती है तो वह भी 3 गुना ही होती है। अतः जितने भी हमारे शास्त्रों में अच्छे मुहूर्त और योग बताए गए हैं उनको दोगुना करने वाला योग त्रिपुष्कर योग कहलाता है। इस युग में शुभ काम करने पर यह तिगुना लाभ प्रदान करता है

त्रिपुष्कर योग क्या है?

हिंदू पंचांग और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार त्रिपुष्कर योग एक अत्यंत शुभ और दुर्लभ योग होता है। यह योग तब बनता है जब वार (दिन), तिथि (चंद्र मास की तिथि) और नक्षत्र का विशेष संयोग बनता है।

त्रिपुष्कर योग का अर्थ होता है – जो काम एक बार में तीन गुना फलदायी हो। इस योग में किया गया शुभ या अशुभ कार्य तीन गुना प्रभाव देता है।

📅 कैसे बनता है त्रिपुष्कर योग?

त्रिपुष्कर योग विशिष्ट वार + तिथि + नक्षत्र के मिलने से बनता है। उदाहरण के लिए –

  • रविवार, सोमवार, गुरुवार + द्वितीया, सप्तमी, द्वादशी तिथि + पुष्य, अनुराधा, रेवती नक्षत्र

इस योग की तिथियों की जानकारी हिंदू पंचांग और ज्योतिषीय गणना से मिलती है।


🌟 त्रिपुष्कर योग के लाभ

  • नए कार्य की शुरुआत करने पर तीन गुना सफलता प्राप्त होती है।

  • निवेश, प्रॉपर्टी, गाड़ी या घर खरीदने के लिए उत्तम समय।

  • व्यवसाय शुरू करना, कंपनी रजिस्ट्रेशन, ब्रांड लॉन्चिंग आदि में अपार वृद्धि।

  • शादी, गृह प्रवेश, मुहूर्त आदि करने से दांपत्य जीवन में स्थायित्व व समृद्धि आती है।

  • विद्यार्थियों के लिए शिक्षा या प्रतियोगी परीक्षा हेतु तैयारी शुरू करने के लिए बेहद शुभ।


⚠️ त्रिपुष्कर योग में क्या न करें?

  • झगड़ा, विवाद, दुश्मनी, कर्ज लेना या विवादित काम बिल्कुल नहीं करें, वरना परिणाम भी तीन गुना नकारात्मक हो सकता है।

  • किसी भी नकारात्मक सोच या कर्म से बचें, क्योंकि उसका प्रभाव भी तीव्र होता है।


🪔 त्रिपुष्कर योग में किए जाने वाले उपाय:

1️⃣ भगवान विष्णु की पूजा करें।
2️⃣ “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
3️⃣ किसी जरूरतमंद को पीले वस्त्र व हल्दी का दान करें।
4️⃣ यदि नए व्यापार की शुरुआत कर रहे हैं तो गणेश पूजन अवश्य करें।


📖 विशेष जानकारी:

यदि आप त्रिपुष्कर योग पर आधारित व्यक्तिगत मुहूर्त या कार्य की शुरुआत के लिए ज्योतिषीय मार्गदर्शन चाहते हैं, तो व्यक्तिगत कुंडली विश्लेषण अवश्य कराएं।

👉 “त्रिपुष्कर योग” में किया गया कार्य आपके जीवन की दिशा और दशा को सकारात्मक रूप से बदल सकता है।

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