सर्वार्थ सिद्धि योग क्या है? सर्वार्थ सिद्धि योग कैसे बनता है? सर्वार्थ सिद्धि योग में क्या करें?

सर्वार्थ सिद्धि योग क्या है? सर्वार्थ सिद्धि योग कैसे बनता है? सर्वार्थ सिद्धि योग में क्या करें?

नाम से ही एहसास हो जाता है कि यह सभी काम सिद्ध करने के योग के बारे में है। आज के समय में एक अच्छा मुहूर्त निकालना बड़ा ही दुसाध्य काम है। यदि सही समय पर सही विद्वान न मिले तो अर्थ का अनर्थ हो जाता है।

📖 सर्वार्थ सिद्धि योग क्या है?

हिंदू ज्योतिष शास्त्र में सर्वार्थ सिद्धि योग को अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण योग माना गया है। इस योग में किए गए कार्य सफल होने की पूर्ण संभावना होती है। किसी भी कार्य को शुभ फल प्राप्त कराने के लिए इस योग का विशेष महत्व है।

‘सर्वार्थ’ का अर्थ होता है — सभी कार्य, और ‘सिद्धि’ का अर्थ — सफलता। अर्थात्, इस योग में किया गया कोई भी अच्छा काम सफल और लाभकारी सिद्ध होता है।


🌟 सर्वार्थ सिद्धि योग कैसे बनता है?

जब विशेष नक्षत्र और वार (दिन) का संयोग बनता है, तब यह शुभ योग निर्मित होता है। जैसे कि —

  • आर्द्रा, अश्लेषा, मघा, जेष्ठा, मूला, पूर्वाषाढ़ा, पूर्वाभाद्रपद और रेवती नक्षत्र
    इनमें से किसी नक्षत्र का रविवार, सोमवार, गुरुवार या शुक्रवार के साथ संयोग होने पर सर्वार्थ सिद्धि योग बनता है।


🪔 सर्वार्थ सिद्धि योग में क्या करें?

✔ नया बिजनेस या व्यापार शुरू करना
✔ नौकरी के लिए आवेदन करना
✔ प्रॉपर्टी, वाहन, सोना-चांदी खरीदना
✔ यात्रा आरंभ करना
✔ विवाह, सगाई, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य
✔ मेडिकल या शिक्षा क्षेत्र से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लेना


⚠️ सावधानियां:

  • इस योग में अशुभ कार्य करने से बचें

  • अपशब्द या बुरी सोच से दूर रहें

  • शुभ काम करने से पहले ईश्वर वंदना अवश्य करें


🗝️ सर्वार्थ सिद्धि योग में उपाय:

1️⃣ श्री गणेश जी का पूजन करें – “ॐ गं गणपतये नमः” का 108 बार जाप करें।
2️⃣ माता लक्ष्मी की पूजा कर ‘श्री सूक्त’ का पाठ करें।
3️⃣ जरूरतमंदों को भोजन कराएं या वस्त्र दान करें।
4️⃣ परिवार के सुख-समृद्धि के लिए पीले वस्त्र या हल्दी दान करें।
5️⃣ व्यापार में वृद्धि हेतु काले तिल का दान करें।


📌 निष्कर्ष:

यदि आप चाहते हैं कि आपके जीवन में कार्य सफल हों और आपको समृद्धि प्राप्त हो, तो सर्वार्थ सिद्धि योग का लाभ जरूर लें। किसी भी बड़े निर्णय या कार्य की शुरुआत के लिए यह योग सर्वश्रेष्ठ माना गया है।

👉 व्यक्तिगत कुंडली के अनुसार शुभ योग जानने और विशेष सलाह हेतु संपर्क करें।

जिसका बाद में खामियाजा भुगतना पड़ता है। लोक व्यवहार की बोलचाल में कहा भी गया है। कि अच्छे समय में यदि कोई बुरा काम भी कर लेता है, तो भी व्यक्ति को वाहवाही मिल जाती है क्योंकि समय अच्छा है। पर यदि बुरे समय अर्थार्थ बुरे मुहूर्त में किया गया शुभ काम भी नुकसान दे जाता है।

आप सबकी इन्हीं परेशानियों को ध्यान में रखते हुए यह मुहूर्त नाम से कॉलम बनाया गया है।इस कॉलम में आपको इस साल के सभी शुभ मुहूर्त मिल जाएंगे। कई बार गुरु और शुक्र अस्त चल रहा हो तो उस समय में पंडित जन मुहूर्त बंद बताते हैं क्योंकि शास्त्रों में बताया गया है कि जब भी गुरु और शुक्र अस्त हो जाते हैं। तब सभी शुभ काम बंद हो जाते हैं।संसार में ऐसे बहुत सारे काम होते हैं, जिन्हें करना अनिवार्य होता है और उनके लिए रुकना संभव नहीं हो पाता। इसीलिए शास्त्रों में इसका भी समाधान सर्वार्थ सिद्धि योग आदि मुहूर्तों के द्वारा किया जाता है।यदि किसी काम को जल्दी करने की स्थिति में कोई आवश्यक मुहूर्त नहीं मिल पा रहा हो तो व्यक्ति आंख बंद करके सर्वार्थ सिद्धि आदि योगों में अपना काम आरंभ कर सकता है।

इन मुहूर्तों में गुरु – शुक्र अस्त, पंचक, भद्रा आदि किसी भी चीज का विचार करने की आवश्यकता नहीं है। यह अपने आप में ही सिद्ध मुहूर्त होते हैं। जो सभी कुयोगों को समाप्त करने की शक्ति रखते हैं।जैसे कि इनके नाम से ही स्पष्ट है। इन योगों के समय में कोई भी शुभ काम किया जाए तो वह सफल होता है। जैसे कहीं यात्रा पर जाना हो, गृह प्रवेश करना हो, कोई नया काम शुरू करना हो तो व्यक्ति इन मुहूर्तों में कर सकता है।

Top ten astrologers in India – get online astrology services from best astrologers like horoscope services, vastu services, services, numerology services, kundli services, online puja services, kundali matching services and Astrologer,Palmist & Numerologist healer and Gemstone,vastu, pyramid and mantra tantra consultant

Currency
Translate
X