श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं।
श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं।
May 16, 2019
श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं।
नवकंज-लोचन,कंज-मुख, कर-कंज पद कंजारुणं।।
कंदर्प अगणित अमित छवि, नवनील-नीरद सुन्दरं।
पटपीत मानहु तड़ित रुचिशुचि,नौमि जनक सुतावरं।।
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