शांति बीज मंत्र

शांति बीज मंत्र

सूर्य शांति
सूर्य की अनुकूलता के लिए रविवार का व्रत करें। उनकी उपासना करके जल दें। गेहूं, गाय, गुड़, तांबा व माणिक्य तथा लाल वस्त्र का दान दें। ध्यान से यह मंत्र जप करें: ऊँ आ कृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मत्र्यंच। हिरण्ययेन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन्।। ऊँ सूर्याय नमः ।। बीज मंत्र – ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः ।।
चंद्रमा शांति
चंद्रमा की अनुकूलता के लिए शिव की आराधना करें। मोती धारण करें और ध्यान के लिए इस मंत्र का जप करें: ऊँ इमं देवा असपत्न सुवध्वं महते क्षत्राय महते ज्येष्ठयाय महते जानराज्यायेन्द्रस्येन्द्रियाय इमममुष्य पुत्रममुष्यै पुत्रमस्यै विश एष वोऽमी राजा सोमोऽस्मांकं ब्राह्मणानां राजा।। बीज मंत्र – ऊँ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्राय नमः ।।
मंगल शांति
मंगल की अनुकूलता के लिए मंगलवार का व्रत व शिवजी की स्तुति करें और ध्यान के लिए निम्न मंत्र जप करें। ऊँ अग्निर्मूर्धा दिवः ककुत्पतिः पृथिव्या अयम। अपां रेता सि जिन्वति।। बीज मंत्र – ऊँ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः।।
बुध शांति
बुध की अनुकूलता के लिए बुध व अमावस्या का व्रत, गणेश पूजा करें। ध्यान के लिए निम्न मंत्र जप करें: ऊँ उदबुध्यस्वाग्ने प्रति जागृहि त्वमिष्टापूर्ते स सृजेथामयं च अस्मिन्त्सधस्थे अध्युत्तरस्मिन् विश्वेदेवा यजमानश्च सीदत।। बीज मंत्र – ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः।
गुरु शांति
गुरु की अनुकूलता के लिए गुरुवार का व्रत करें। बृहस्पति देव व गुरु की पूजा करें। ध्यान के लिए इस मंत्र का जप करें: ऊँ बृहस्पते अति यदर्यो अहद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु। यदीदयच्छवस ऋत प्रजात। तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्।। बृहस्पतये नमः ।। बीज मंत्र – ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।
शुक्र शांति
शुक्र की अनुकूलता के लिए शुक्रवार का व्रत करें। ध्यान के लिए निम्न मंत्र जप करें: ऊँ अन्नात्परिस्रुतो रसं ब्रह्मणा व्यपिबत् क्षत्रं पयः सोमं प्रजापतिः। ऋतेन सत्यम् इन्द्रियं विपान शुक्रमन्धस इन्द्रस्येन्द्रियमिदं पयोऽमृतं मधु।। ऊँ शुक्राय नमः।। बीज मंत्र – ऊँ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः।।
शनि शांति
शनि की अनुकूलता के लिए शनि का व्रत और महामृत्युंजय मंत्र का जप करें। ध्यान के लिए निम्न मंत्र का जप करें: ऊँ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शं योरभिस्रवन्तु नः ।। ऊँ शनैश्चराय नमः।। बीज मंत्र – ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।।
राहु शांति
राहु की अनुकूलता के लिए मंगल, शनि व सोमवार का व्रत करें। शिवजी की पूजा करें या महामृत्युंजय का जप करें। ध्यान के लिए इस मंत्र का जप करें। ऊँ कया नश्चित्र आ भुवदूती सदा वृधः सखा। कया शचिष्ठया वृत। ऊँ राहवे नमः।। बीज मंत्र – ऊँ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः।
केतु शांति
केतु की अनुकूलता के लिए मंगल, शनि व सोम का व्रत करें। ध्यान के लिए इस मंत्र का जप करें। ऊँ केतुं कृण्वन्न केतवे पेशो मर्या अपनयशसे। समुषद्भिरजायथाः।। ऊँ केतवे नमः ।। बीज मंत्र – ऊँ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः।
नवग्रह मंत्र
ऊँ सं सर्वारिष्टनिवारणाय नवग्रहेभ्यो नमः ।। धन व समृद्धि को प्रदान करने वाले देवता गणेश हैं। सर्वप्रथम इनकी ही पूजा किसी शुभ कार्य के प्रारंभ में की जाती है। गणपति वंदना इस प्रकार है। वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व कार्येषु सर्वदा।। गणपति का सामान्य मंत्र है: ऊँ वक्रतुण्डाय हूं। ऊँ गणेशाय नमः।
रामायण की चैपाई से समस्या उपाय
बटुक मंत्र मंत्र -ऊँ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरू-कुरू बटुकाय ह्रीं। अनेक प्रकार की आपदाओं का निवारण करने, धन, जन, सौख्य और पद-प्रतिष्ठा प्रदान करने वाला यह बटुक मंत्र बहुत प्रभावशाली माना गया है। लक्ष्मीदायक मंत्र मंत्र : ऊँ लक्ष्मीभ्यो नमः । जातक आर्थिक संकट से मुक्त हो जाता है। ऐसा ही यह लक्ष्मीदायक मंत्र है।

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