लग्न और राशि में अंतर


लग्न और राशि में अंतर
February 21, 2022
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लग्न और राशि में अंतर होता है। … जातक की जन्म कुंडली के प्रथम भाव में जिस राशि का अंक होगा उससे जातक का लग्न कहा जाएगा तथा जिस भाव में चंद्रमा स्थित होगी उसे जातक का राशि कहा जाएगा। लग्न और राशि का मिलान किसी भी जातक के जन्म कुंडली में द्वादश भाव होते हैं ।
जन्म कुण्डली में चन्द्रमा जिस राशि में स्थित होता है, वह राशि चन्द्र राशि होती है। इसे जन्म राशि के नाम से भी जाना जाता है। ज्योतिष में सभी ग्रहों में सबसे अधिक महत्व चन्द्र को ही दिया गया है। इसे “नाम राशि” की संज्ञा भी दी जाती है। क्योंकि ज्योतिष के अनुसार बालक का नाम रखने का आधार यही चन्द्र राशि होती है। जन्म के समय चन्द्र जिस नक्षत्र में स्थित होता है। उसके चरण के वर्ण से आरम्भ होने वाला नाम व्यक्ति का जन्म राशि नाम निर्धारित करता है।
चन्द्र मन के कारक ग्रह माने गये हैं। इसलिये मन को नियन्त्रित करने का कार्य चन्द्र के द्वारा किया जाता है मन चिन्तामुक्त हो तो व्यक्ति को हर स्थान पर सुख- शान्ति का अनुभव होता है। इसके विपरीत अगर मन दु:खी हों, तो उतम से उतम भोग- विलास की वस्तुओं भी आराम नहीं दे पाती. वैसे भी वैदिक ज्योतिष में [[चन्द्र राशि, चन्द्र नक्षत्र, चन्द्र स्थित भाव को शुरु से अन्य सभी योगों की तुलना में कुछ खास ही महत्व दिया जाता है।यूं तो ज्योतिष में नौ ग्रह है। पर व्यक्ति की जन्म राशि का स्वामी चन्द्र ही होता है। सामान्यत: दैनिक राशिफल चन्द्र राशि आधारित होता है। विवाह के समय वर- वधू की कुंडली का मिलान करने के लिये भी जन्म राशि का प्रयोग किया जाता है।
लग्न कुंडली आपके लग्न के अनुसार होती है और चंद्र कुंडली आपके नक्षत्र के अनुसार होती है दोनों कुंडलियों में फर्क है लग्न कुंडली 2 घंटे में बदल जाती है और चंद्र कुंडली तकरीबन सवा दो दिन तक एक ही रहती है wholesale Indian silver jewelry wholesale loose gemstones wholesale gemstones wholesale lapidary co
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