शनि और राहु की युति

शनि और राहु की युति
May 16, 2019
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि और राहु की युति (युति का अर्थ है एक साथ आना) को “पिशाच योग” या “श्रापित योग” कहा जाता है. यह एक अशुभ योग माना जाता है, जिसका जातक के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
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मानसिक तनाव और अशांति:
यह योग मानसिक तनाव, चिंता और बेचैनी का कारण बन सकता है.
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शारीरिक कष्ट:
जोड़ों का दर्द, गैस्ट्रिक समस्याएं, और स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याएं हो सकती हैं.
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कठिन समय:
जीवन में संघर्ष, बाधाएं और असफलताएं आ सकती हैं.
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रिश्तों में समस्याएं:
प्रेम संबंधों और मित्रता में समस्याएं आ सकती हैं.
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दुर्घटनाओं का खतरा:
कुछ मामलों में, दुर्घटनाओं या चोट लगने का खतरा बढ़ सकता है.
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आर्थिक समस्याएं:
आर्थिक तंगी और धन हानि हो सकती है.
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शनि और राहु के मंत्रों का जाप:
“ॐ शं शनैश्चराय नमः” और “ॐ रां राहवे नमः” मंत्रों का जाप करना लाभकारी हो सकता है.
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शनिवार का व्रत:
शनिवार का व्रत रखने और शनि देव की पूजा करने से भी लाभ होता है.
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हनुमान चालीसा का पाठ:
हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी शनि और राहु के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है.
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शिवलिंग पर जलाभिषेक:
शिवलिंग पर जलाभिषेक करना भी एक अच्छा उपाय है.
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दान:
गरीबों को दान करना भी शुभ माना जाता है.
- यह योग सभी के लिए समान रूप से नकारात्मक नहीं होता है।
- कुंडली में अन्य ग्रहों की स्थिति भी महत्वपूर्ण होती है।
- किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेना हमेशा बेहतर होता है.