अशुभ केतु

अशुभ केतु
May 29, 2019
अशुभ केतु का ये होता है प्रभाव
जब भी व्यक्ति पर केतु का अशुभ प्रभाव शुरू होने वाला होता है तो उसके अंदर कामवासना एकदम से बढ़ जाती है। किसी अन्य पापग्रह यथा राहू, मंगल की युति मिलने पर व्यक्ति किसी महिला/ लड़की से दुष्कर्म तक करने का जोखिम उठा सकता है। इसके अलावा मुकदमेबाजी, अनावश्यक झगड़ा, वैवाहिक जीवन में अशांति, भूत-प्रेत बाधाओं द्वारा परेशान होना भी केतु के ही कारण होता है। शारीरिक प्रभावों में व्यक्ति को पथरी, गुप्त व असाध्य रोग, खांसी तथा वात एवं पित्त विकार संबंधी रोग हो जाते हैं।
ऐसे दूर करें अशुभ केतु ग्रह के असर को
लाल किताब तथा ज्योतिष के कुछ अत्यन्त साधारण से उपाय अपनाकर केतु के बुरे असर को खत्म कर उसे शुभ ग्रह में बदल देते हैं। इनमें से किसी भी एक उपाय को अपनाने से जन्मकुंडली में केतु का बुरा असर न्यूनतम हो जाता है। परन्तु ध्यान रखें कि केतु की शुभता के लिए देवी-देवताओं की आराधना रात में ही करनी चाहिए। इससे तुरंत आराम मिलता है।
(1) सवा किलो आटे को हल्का सा सेंककर उसमें गुड़ का चूरा मिला दें तो 43 दिन तक लगातार चींटियो को डालें।
(2) बुधवार के दिन गणेशजी को दूब अर्पित करें तथा प्रसाद चढ़ाएं।
(3) प्रतिदिन शाम को किसी निकट के मंदिर में गाय के घी का दीपदान क रें।
(4) भगवान भोलेनाथ के महामंत्र ऊँ नमः शिवाय का जाप करते हुए जल चढ़ाएं तथा भगवान से अपने संकट दूर करने की प्रार्थना करें।
(5) एक हरा रूमाल सदा अपने साथ रखें।
(6) रविवार के दिन कन्याओं को मीठा दही और हलवा खिलाएं।
(7) लगातार 43 दिन तक कुत्ते को मीठी रोटी खिलाएं। यह उपाय नियमित रूप से करें।
(8) त्रयोदशी (तेरस) के दिन केतु की शांति के लिए व्रत रखें।
(9) भगवान भैरूंजी की उपासना करें। उन्हें केले के पत्ते पर चावल का भोग अर्पित करें।
(10) किसी गरीब को अथवा मंदिर में कंबल का दान करें। कंबल यदि नीला हो तो और भी उत्तम हैं।
(11) यदि संभव हो तो केतु के बीजमंत्र ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः का किसी पंडित से 17,000 मंत्रजाप करवाएं।